Sunday 22 May 2016

दिल में जो भी बात हो एक दिन जुबां पे आ ही जाती है

दिल में जो भी बात हो एक दिन जुबां पे आ ही जाती है
आज नहीँ तो कल हकीक़त बयां हो ही जाती है।
बनी रहती हैं उम्मीदें अपनों के मन में सदा
लेकिन बहुत ज्यादा उम्मीदें जल्दी टूट भी जाती हैं ।
बिन मौसम बरसात ऐसा सुना था मैंने
अब तो तपती दोपहरी में भी बरसात हो जाती है ।
पीने को साफ पानी नहीँ ना साँस लेने को हवा
ना जाने क्या है जो लोगों को शहरी बना जाती है ।
पीठ पीछे बुराई करते नज़र आते हैं लोग सड़कों पर
पर ये बुराई ईमानदार का हौसला और बढ़ा जाती है ।

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